अभीत इतै करिगौ कछु ख्याला अभीत इतै करिगौ कछु ख्याला
मत उड़ा तू कभी भी मज़ाक किसी का कभी कभी कुत्ता भी शेर बन जाता है। मत उड़ा तू कभी भी मज़ाक किसी का कभी कभी कुत्ता भी शेर बन जाता है।
मेरी आँखों को मिली सजा आज रात तेरी ख़ातिर, ख्वाबों में दीदार की तमन्ना में रोते रहे ते मेरी आँखों को मिली सजा आज रात तेरी ख़ातिर, ख्वाबों में दीदार की तमन्ना में रो...
मेरी आँखों को मिली सजा आज रात तेरी ख़ातिर, ख्वाबों में दीदार की तमन्ना लिए रोते रहे ते मेरी आँखों को मिली सजा आज रात तेरी ख़ातिर, ख्वाबों में दीदार की तमन्ना लिए रो...
कभी मानव-नरसंहारों के लिए विख्यात जहानाबाद पर लिखी एक आत्मपरक कविता। कभी मानव-नरसंहारों के लिए विख्यात जहानाबाद पर लिखी एक आत्मपरक कविता।
प्रेम में पूरा शहर एक छत बन जाता है प्रेम में पूरा शहर एक छत बन जाता है