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रसखान उत्कृष्ट रचना दर्पण जाता है बन ज़िन्दगी सज़ा बन गयी है अक्सरहाँ व्यक्ति का इलाक़ा उसकी पहचान बन जाता है। प्रेम में पूरा शहर एक छत बन जाता है

Hindi आवत है बन ते मनमोहन Poems